छंद किसे कहते हैं – छंद के प्रकार कितने होते हैं? आपका स्वागत हैं Grammar Sikho के एक और नए article में. आज हम, छंद के बारेमे जानने वाले हैं. छंद हिंदी व्याकरण का एक बहोत ही महत्वपूर्ण अंग हैं. किसी वाक्य में कोनसा छंद है यह पहचानने के लिए आपको छंद के प्रकार का ज्ञान होना चाहिए. तो इसिलीये, हमने छंद के ऊपर एक विशेष लेख तैयार किया हैं, जिसमे हमने छंद किसे कहते हैं, छंद की परिभाषा क्या हैं, छंद के प्रकार कितने हैं, और छंद के उदाहरण शामिल किये हैं.
तो चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं की Chhand kise kahate hain. फिर हम एक-एक करके सभी छंद के भेद के बारेमे समजेंगे.
Table of Contents
छंद किसे कहते हैं
छंद की परिभाषा: जो शब्द रचना वर्णों की संख्या, अक्षरों की संख्या और क्रम, मात्रा की गणना, यति-गति आदि नियमो से नियोजित हो, उसे छंद कहते हैं.
किसी वर्णों या फिर मात्राओं के विन्यास से यदि आह्यादित उत्पन्न होता हैं तो उसे छंद कहा जाता हैं. हमारे प्राचीन ग्रंथो में भी छंद का विवरण किया गया हैं जैसे की ऋग्वेद में भी छंद का उल्लेख किया गया हैं. और आपको पता ही होगा की जैसे गद्य का नियामक व्याकरण होता हैं, तो उसी प्रकार पद्य का छंद शाश्त्र होता हैं.
तो अब आपको पता चल गया होगा की छंद किसे कहते हैं, छंद की परिभाषा, व्याख्या क्या हैं. अब हम छंद के अंग के बारेमे आपको बताते हैं.
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छंद के अंग
हिंदी व्याकरण में छंद से सम्बंधित 7 पारिभाषिक शब्द होते हैं जिन्हें हम छंद के अंग भी कहते हैं. वे कुछ इस प्रकार हैं,
- चरण, पद, और पाद
- वर्ण एवं मात्रा
- संख्या और क्रम
- गण
- तुक
- यति
- गति
अब हम छंद के प्रकार के बारेमे समजने का प्रयास करते हैं. निचे आपको छंद कितने प्रकार के होते हैं यह बताया गया है और हर एक छंद का विस्तार से वर्णन किया गया हैं.
छंद के प्रकार
हिंदी व्याकरण में छंद के 4 प्रकार होते हैं. उन चारो छंद के बारेमे निचे जानकारी दी हैं.
- वार्णिक छंद
- मात्रिक छंद
- मुक्त छंद
- उभय छंद
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वार्णिक छंद किसे कहते हैं
वार्णिक छंद की परिभाषा: जिन छंदों में वर्णों की संख्या, मात्राओं के क्रम, का संयोजन हो और गणविधान तथा लघु और गुरु के आधार पर पद की रचना हो, और जहा वर्णों की मात्राओं का क्रम मुख्य हो, उन्हें वार्णिक छंद कहते हैं.
अगर इसे आसान भाषा में समजाने का प्रयास करे तो जिन छंदों के चारो चरणों में वर्णों की संख्या एकसमान हो उन्हें वार्णिक छंद कहते हैं. इसमे केवल वर्णों की गणना पे ध्यान केन्द्रित किया जाता हैं.
तोटक, इंद्रवज्रा, मालिनी, वसंततिलका, शिखरिणी आदि मुख्य वार्णिक छंद हैं.
मात्रिक छंद किसे कहते हैं
मात्रिक छंद की परिभाषा: जिन छंदों में केवल मात्रा की गणना के आधार पर पद रचना की जाए उन्हें मात्रिक छंद कहते हैं.
जैसे वार्णिक छंद में वर्णों की संख्या महत्वपूर्ण हैं, उसी तरह, मात्रिक छंद में मात्रा की गणना महत्वपूर्ण हैं. रोला, सोरठा, हरिगीतिका आदि मुख्य मात्रिक छंद हैं.
मात्रिक छंद के भेद
मात्रिक छंद के भी 3 भेद होते हैं,
- अर्धमात्रिक छंद
- सममात्रिक छंद
- विषममात्रिक छंद
अब बात करते हैं मुक्त छंद के बारेमे.
मुक्त छंद किसे कहते हैं
मुक्त छंद की व्याख्या: जिन छंद में वर्णों की संख्या या मात्राओं की संख्या का कोई बंधन ना हो उन्हें मुक्त छंद कहते हैं. इस छंद को आधुनिक युग की देन भी माना जाता हैं.
चरणों की असमान गति और अनियमित गति ही इस छंद की विशेषता हैं. इसमे न तो वर्णों की गणना होती हैं और नाही मात्राओं की, इसमे कोई नियम नहीं हैं.
उभय छंद किसे कहते हैं
उभय छंद की परिभाषा: जिन छंदों में वर्णों और मात्रा की समानता एक साथ पायी जाती हैं उन्हें उभय छंद कहते हैं.
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Conclusion:
इस लेख में हमने छंद क्या हैं, Chhand kise kahate hain, chhand ke prakar, के बारेमे आपको बताया हैं. हमने वार्णिक छंद, मुक्त छंद, मात्रिक छंद और उभय छंद के बारेमे जाना हैं. छंद की व्याख्या को आसानी से समजाने का प्रयास किया हैं. हम जानते हैं की इस आर्टिकल में हमने छंद को पूरी तरह से cover नहीं किया हैं. हम कुछ समय के बाद इस लेख में छंद से जुडी और भी जानकारी add कर देंगे. धन्यवाद.