समास किसे कहते हैं, समास के कितने भेद होते हैं? नमस्कार दोस्तों, आज के इस लेख में हम हिंदी व्याकरण के एक बहोत ही महत्वपूर्ण topic के बारेमे बताने वाले हैं. और उस topic का नाम हैं समास. परीक्षा में भी समास से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं और बहोत सारी प्रतियोगी परीक्षा में भी इससे जुड़े सवाल होते हैं. आप यहाँ पर जानेंगे की समास किसे कहते हैं, समास के भेद कितने होते हैं, समास की परिभाषा क्या हैं, समास की व्याख्या और समास के उदाहरण.
हम इस blog पर हिंदी ग्रामर और इंग्लिश ग्रामर से जुड़े articles लिखते हैं, तो यदि आप भी grammar सिखने में अपनी रूचि रखते हैं तो यह blog खासकर आपके लिए ही बनाया गया हैं. तो चलिए शुरू करते हैं और सबसे पहले जानते हैं की समास क्या हैं, samas kise kahate hain समास की परिभाषा क्या हैं.
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समास किसे कहते हैं – Samas kise kahate hain
समास की परिभाषा: जब आपस में संबंध रखने वाले दो या फिर दो से ज्यादा शब्दों को मिलाकर एक नया शब्द बनाया जाता हैं तो उस मेल को समास कहते हैं. इस प्रक्रिया में उन दो शब्दों में से विभक्ति को हटाना होता हैं. आसान भाषा में कहे तो समास की प्रक्रिया में दो या दो से अधिक शब्दों का संक्षिप्तिकरण करते हैं.
हम समास के जरिये कम शब्दों को मिलाकर एक बड़ा अर्थ (Meaning) प्रगट कर सकते हैं. समास शब्द दो अलग शब्द “सम्” और “आस” से मिलकर बना हैं. जिसमे, सम् का अर्थ “पूर्ण रूप से” होता हैं और “आस” का अर्थ “शब्द” होता हैं.
समास में दो पद होते हैं, पूर्वपद और उत्तरपद. समास के नियमो से निर्मित शब्द को सामासिक शब्द कहते हैं, इसे समस्तपद भी कहते हैं.
समास के उदाहरण
- महान आत्मा – महात्मा
- चारो तरफ – चौतरफा
- विश्व को जितने वाला – विश्वविजय
ऊपर दिए गए गए समास के उदाहरण को देख कर आप समज गए होंगे की कैसे दो या दो से अधिक शब्दों को मिलकर हम एक नया शब्द बना सकते हैं. और इसे ही हम हिंदी व्याकरण में समास कहते हैं. तो अब आपको पता चल गया होगा की समास किसे कहते हैं और समास की परिभाषा क्या हैं.
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अब हम आपको समास विग्रह के बारेमे बताते हैं.
समास विग्रह क्या हैं
सामासिक शब्दों के बिच जों संबंध है उसे स्पष्ट करना समास विग्रह कहलाता हैं. जैसे की विश्वविजय का समास विग्रह “विश्व को जितने वाला” होता हैं.
अब हम, समास के भेद कितने होते हैं इसके बारेमे जानते हैं. समास के प्रकार बारेमे भी आपको जानना चाहिए.
समास के भेद कितने होते हैं
Hindi grammar में समास में 6 भेद या प्रकार होते हैं. उन छह भेदों के नाम निचे दिए गए हैं.
- अव्यविभास समास
- तत्पुरुष समास
- कर्मधारय समास
- द्विगु समास
- बहुव्रीहि समास
- द्वन्द समास
तो यह थे समास से भेद, समास के प्रकार. अब हम, एक-एक करके इन सभी समास के बारेमे जानते हैं. तो चलिए सबसे पहले शुरुआत करते हैं अव्यविभास समास किसे कहते हैं इससे.
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अव्यविभास समास किसे कहते हैं
अव्यविभास समास परिभाषा: जिस समास में पूर्वपद अवयव हो और अंतिम पद गौण हो उसे अव्यविभास समास कहते हैं.
अव्यविभासी समास के उदाहरण
- रूप के योग्य – अनुरूप
- क्रम के अनुसार – यथाक्रम
- पेट भर के – भरपेट
तो अब आप समज गए होंगे की अव्सयविभास समास किसे कहते हैं और अव्यविभास समास के उदाहरण क्या हैं. अब हम, तत्पुरुष समास क्या हैं इसके बारेमे समजते हैं.
तत्पुरुष समास किसे कहते हैं
तत्पुरुष समास की परिभाषा: जिस समास में पूर्वपद गौण और बात के बाद का पद मतलब उत्तरपद प्रधान होता हैं उसे तत्पुरुष समास कहते हैं.
तत्पुरुष समास के उदाहरण
- हाथ के लिए कड़ी – हथकड़ी
- राजा की पुत्री – राजकुमारी
- शिल्प को बनाने वाला – शिल्पकार
जिस तरह समास के 6 प्रकार हैं ठीक उसी तरह तत्पुरुष समास के भी 6 भेद हैं. निचे आपको उन भेदों के बारेमे बताया गया हैं.
तत्पुरुष समास के भेद
- कर्म तत्पुरुष
Example: गिरह को काटने वाला – गिरहकाट - कारण तत्पुरुष
Example: बिहारी द्चिवारा रचित – बिहारी रचित - सम्प्रदान तत्पुरुष
Example: रसोई के लिए घर – रसोईघर - अपादान तत्पुरुष
Example: रुण से मुक्त – रुणमुक्त - संबंध तत्पुरुष
Example: गंगा का जल – गंगाजल - अधिकरण तत्पुरुष
Examples: नगर में वास – नगरवास
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कर्मधारय समास किसे कहते हैं
कर्मधारय समास परिभाषा: जिस समास में सामासिक शब्द का उत्तरपद प्रधान हो और पूर्वपद में विशेषण-विशेष्य और उपमान-उपमेय का संबंध हो उसे कर्मधारय समास कहते हैं.
कर्मधारय समास के उदाहरण
- नीली हैं जो गाय – नीलगाय
- आधा हैं जो पका – अधपका
- महान हैं जो आत्मा – महात्मा
द्विगु समास क्या हैं
द्विगु समास परिभाषा: इस समास में समासिक शब्द का पूर्वपद संख्यावाचक विशेषण होता हैं. इसमें हमें समाहार या समूह का बौध होता हैं.
द्विगु समास के उदाहरण
- सात कौन का समूह – सप्तकोण
- तिन आँखों वाला – त्रिनेत्र
- तो पहरों का समूह – दोपहर
बहुव्रीहि समास क्या हैं
बहुव्रीहि समास की परिभाषा: इस समास में सामासिक शब्द के दोनों ही पद अप्रधान होते हैं और समस्तपद के अर्थ के अतिरिक्त कोई और अर्थ होता हैं.
बहुव्रीहि समास उदाहरण
- चन्द्र हैं सर पे जिसके (शंकर) – चंद्रमौली
- चक्र हैं पाणी में जिसके (विष्णु) – चक्रपाणी
- नीला हैं कंठ जिसका (शिव) – नीलकंठ
द्वन्द समास किसे कहते हैं
द्वन्द समास परिभाषा: जिस सामासिक शब्द के दोनों ही पद प्रधान होते हैं और उनका विग्रह करने पर “और”, “अथवा”, “या” जैसे शब्द लगते हो उसे द्वन्द समास कहते हैं. इसमें, सामासिक शब्दों के दो पदों के बिचमे “-” चिन्ह आता हैं.
द्वन्द समास के उदाहरण
- आचार और विचार – आचार-विचार
- गंगा और यमुना – गंगा-यमुना
- खरा और खोटा – खरा-खोटा
तो अब आपको द्वन्द समास के बारेमे भी अच्छे से पता चल गया होगा.
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हमने यहाँ पर आपको 6 समास के बारेमे पूरी जानकारी दी हैं. अव्यविभास समास, तत्पुरुष समास, कर्मधारय समास, द्विगु समास, बहुव्रीहि समास और द्वन्द समास क्या हैं और इसकी व्यख्या क्या है और उदाहरण. दोस्तों, हिंदी व्याकरण में समास का बहोत महत्व हैं और इसे आपको सिखाना ही चाहिए.
Conclusion:
तो हम आशा करते हैं की समास किसे कहते हैं इस विषय पर विस्तार से लिखा गया यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा होगा. हमने यहाँ पर जाना की समास की परिभाषा क्या हैं, samas kise kahate hain, समास की व्यख्या क्या हैं, समास के भेद कितने हैं, समास कितने प्रकार के होते हैं, और समास के उदाहरण.
तो अब आपकी बारी हैं, इस लेख को हो सके उतना अपने दोस्तों के साथ भी जरुर शेयर करे. आप हमारे ब्लॉग पर लिखे गए अन्य grammar से जुड़े articles को भी जरुर पढ़े. धन्यवाद.