कारक किसे कहते हैं और कारक के भेद कितने होते हैं उदहारण सहित पूरी जानकारी आपको यहाँ पर मिलने वाली हैं. हिंदी व्याकरण में बहोत सारे topics होते हैं, और हम एकएक करके उन सभी topic को cover करने की कोशिश कर रहे हैं. तो इसी के चलते, आज हम यहाँ पर आपको कारक किसे कहते हैं, कारक के भेद कितने होते हैं, कारक कितने होते हैं, कारक के उदाहरण और कारक की परिभाषा के बारेमे जानकारी देने वाले हैं.
इस विषय के बारेमे में प्रतियोगी परीक्षा में सवाल पूछे जाते हैं. तो यदि आप competitive exam की तैयारी कर रहे हैं, तो भी आपको इस लेख को पूरा पढ़ना चाहिए, ताकि आप कारक के बारेमे सब कुछ जान सके. तो चलिए सबसे पहले कारक की परिभाषा क्या हैं, यह जानते हैं, फिर हम उनके प्रकार और examples देखेंगे.
Table of Contents
कारक किसे कहते हैं
संज्ञा या फिर सर्वनाम का वह रूप जिसका की वाक्य में हो रही क्रिया से सीधा संपर्क होता हैं, उसे कारक कहते हैं. वाक्य में कुछ शब्द ऐसे होते है जोकि एक शब्द का संबंध दुसरे शब्द के साथ क्या हैं, यह दर्शाता हैं. तो वही शब्द कारक शब्द होते हैं.
जो वाक्य में प्रयुक्त क्रिया को कर रहा हैं वह कारक कहलाता हैं. कारक का शाब्दिक अर्थ “करने वाला” होता हैं.
कारक चिन्ह किसे कहते हैं
कारक के जिस रूप से हमें वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया के साथ संबंध के बारेमे पता चलता हैं उन्हें कारक चिन्ह कहते हैं.
निचे आपको कारक के प्रकार के बारेमे जानकारी दी गयी हैं और उसीके साथ कारक चिन्ह कौन से हैं, उनकी भी जानकारी दी गयी हैं.
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कारक के भेद कितने होते हैं
हिंदी व्याकरण में कारक के कुल 8 भेद हैं. उन सभी भागो के बारेमे विस्तृत जानकारी आपको निचे दी गयी हैं.
- कर्ता कारक
- कर्म कारक
- करण कारक
- सम्प्रदान कारक
- अपादान कारक
- संबंध कारक
- अधिकरण कारक
- सम्बोधन कारक
तो यह हैं कारक के 8 प्रकार.
कारक | कारक चिन्ह |
---|---|
कर्ता | ने |
कर्म | को, ऐ |
करण | से, के, द्वारा |
सम्प्रदान | के लिए, को, हेतु |
अपादान | से (यहाँ पर “से” मतलब अलग होना) |
संबंध | का, की, के, ने, नि, ना, रे, री, रा |
अधिकरण | में, पर |
सम्बोधन | हैं!, ओ!, अरे!, अजी! |
तो ऊपर के टेबल में हमने आपको सभी कारक और उनके साथ कोनसे कारक चिन्ह आते हैं, उनकी सूचि दी हैं. यहाँ तक आपको यह तो पता चल गया होगा की कारक किसे कहते हैं और कारक के कितने प्रकार होते हैं, कारक कितने हैं. चलिए अब हम सभी कारको के बारेमे विस्तृत रूप से सीखते हैं.
कर्ता कारक किसे कहते हैं
वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से हमें क्रिया करने वाले के बारेमे पता चलता हैं उसे कर्ता कारक कहते हैं. आसान शब्दों में कहे तो जो क्रिया को कर रहा हैं उसे ही कर्ता कारक कहते हैं. कर्ता कारक का कारक चिन्ह “ने” हैं, इसे विभक्ति चिन्ह भी कहा जाता हैं.
आपको बता दे की कर्ता कारक के साथ कारक चिन्ह “ने” सिर्फ भूतकाल में ही होता हैं. अगर वाक्य वर्तमान काल, भविष्यकाल, का हैं तो कर्ता कारक के साथ “ने” नहीं आएगा. यहाँ पर जाने की काल किसे कहते हैं.
कर्ता कारक के उदाहरण
- किशन ने सबको अपने घर बुलाया.
- गीता ने आज होकी का खेल खेला.
- सुनील सबको अच्छा लगता हैं.
- कोमल ने सुनीता को एक प्रश्न पूछा.
- शिक्षक पढ़ा रहे हैं.
वाक्य में कर्म से पहले “किसने” से सवाल पूछने से जो जवाब मिले, वो कर्ता कारक हैं. जैसे की पहले example में पूछते हैं की “किसने सबको अपने घर बुलाया?” तो जवाब में “किशन” आएगा. अत: किशन कर्ता कारक हैं.
कर्म कारक किसे कहते हैं
वाक्य में जिस संज्ञा या सर्वनाम पर क्रिया का प्रभाव पड़ता हो, उसे कर्म कारक कहते हैं. कर्म कारक का कारक चिन्ह “को” हैं. इससे आप कर्म कारक की पहचान कर सकते हैं. अगर कारक शब्द निर्जीव हैं तो फिर उसके साथ “को” कारक विभक्ति नहीं आ सकती.
कर्म कारक के उदाहरण
- राम ने राजू को एक सवाल पूछा.
- सतीश ने रमेश को पढाई करने को बोला.
- गुरूजी को प्रणाम करो.
- संविधान का सम्मान करो.
- नरेश नाश्ता कर रहा हैं.
क्रिया से पहले “क्या” शब्द से प्रश्न पूछने पर जो जवाब मिले उसे प्रधान कर्म कहते हैं और क्रिया पद से पहले “किसको” या “किसे” शब्द से प्रश्न पूछने पर जो जवाब मिले उसे अप्रधान कर्म कहते हैं.
जैसे की, “राम ने किसको सवाल पूछा?”, तो इसका जवाब आएगा “राजू”.
“किसे प्रणाम करे?”, तो इसका जवाब आएगा “गुरूजी”.
करण कारक किसे कहते हैं
कर्ता अपनी क्रिया को पूर्ण करने के लिए जिस माध्यम या साधन का उपयोग करता हैं उस माध्यम या साधन को करण कारक कहते हैं. करण कारक का चिन्ह “से” या “के द्वारा” हैं.
करण कारक के उदाहरण
- राकेश ने डंडे से राजू को मारा.
- पुलिस ने चोरो को रस्सी से बाँधा.
- विद्यार्थी ने शिक्षक के द्वारा प्रिंसिपल को शिकायत करी.
वाक्य में क्रिया से पहले “किससे” या “किसके द्वारा” शब्द से सवाल पूछने पर जो उतर मिले वह करण कारक होगा.
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सम्प्रदान कारक किसे कहते हैं
वाक्य में कर्ता जिसके लिए कुछ क्रिया करता हैं, उसे सम्प्रदान कारक कहते हैं. जब वाक्य का कर्ता किसीको कुछ देने के लिए या फिर किसी के लिए कोई क्रिया को अंजाम देता हैं तो उसे सम्प्रदान कारक कहते हैं. सम्प्रदान कारक के कारक चिन्ह “को“, “के लिए“, “हेतु” हैं.
सम्प्रदान कारक के उदाहरण
- राजेश ने अपनी पत्नी के लिए एक गाना लिखा.
- में अपने भाई को कुछ गिफ्ट देना चाहता हु.
- सृष्टि में धर्म की स्थापना हेतु भगवान अवतार लेते हैं.
उपरोक्त वाक्यों में “पत्नी के लिए”, “भाई को”, “धर्म की स्थापन हेतु” सम्प्रदान कारक हैं.
अपादान कारक किसे कहते हैं
जब वाक्य में कोई एक व्यक्ति या वस्तु किसी दुसरे व्यक्ति या वस्तु से अलग होती हैं, या फिर अलग होने का बोध होता हैं, तो उसे अपादान कारक कहते हैं. अपादान का अर्थ ही “अलग होना” होता हैं. अपादान कारक का कारक चिन्ह “से” हैं.
अपादान कारक के उदाहरण
- टेबल से किताब निचे गिर गयी.
- बादल से बारिश होती हैं.
- जमीन के अन्दर से चूहा बहार निकला.
- पेड से पत्ते गिर रहे हैं.
ऊपर के वाक्यों में हमें किसी चीज़ का किसी दूसरी चीज़ से अलग होने का बोध होता हैं. तो इसे ही अपादान कारक कहते हैं.
वाक्य में “से” से पहले आपको “कहा से”, “किससे” “कब से” शब्द से प्रश्न पूछना हैं और जो भी जवाब मिले वो अपादान कारक होगा.
जैसे की, कहासे बारिश होती हैं? तो इसका जवाब होगा बादल से.
संबंध कारक किसे कहते हैं
जब हमें वाक्य में किसी एक व्यक्ति या वस्तु का संबंध किसी दूसरी व्यक्ति या वस्तु के साथ नजर आये तो उसे संबंध कारक कहते हैं. इससे हमें संज्ञा या सर्वनाम का किसी वस्तु या व्यक्ति के साथ के संबंध के बारेमे पता चलता हैं. संबंध कारक की कारक विभक्ति “का, की, के, ने, नि, ना, रे, री, रा” हैं.
संबंध कारक के उदाहरण
- यह मेरा घर हैं.
- वह सुरेश की जमीन हैं.
- सुजल का दिमाग बहोत तेज चलता हैं.
- हर्ष की गाडी बंध पद गयी.
अधिकरण कारक किसे कहते हैं
वाक्य में क्रिया का जो आधार हैं उसे अधिकरण कारक कहते हैं. संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से हमें वाक्य की क्रिया का आधार पता चले, उसे अधिकरण कारक कहते हैं. अधिकरण कारक की कारक विभक्ति “में, पर” हैं.
आपको बता दे की इसमे आपको समय और स्थान का बोध होता हैं. तो उस समय-सूचक या स्थान-सूचक शब्द को हम अधिकरण कारक कहेंगे.
अधिकरण कारक के उदाहरण
- धीरज गाँव में खेती करता हैं.
- सड़क पर एक इन्सान चल रहा हैं.
- अभी हम गाडी में बेठे हैं.
सम्बोधन कारक किसे कहते हैं
वाक्य में संज्ञा को बुलाने या पुकारने के लिए हम जिन शब्दों का प्रयोग करते हैं, उन्हें सम्बोधन कारक कहते हैं. सम्बोधन करते समय इन शब्दों का उपयोग करते हैं. सम्बोधन कारक की कारक विभक्ति “हैं!, ओ!, अरे!, अजी!” हैं.
सम्बोधन कारक के उदाहरण
- अजी! सुनते हो क्या?
- अरे! में तो यह काम करना ही भूल गया.
- है! माँ माताजी.
तो जब आप ऐसे वाक्य देखेंगे, तो आपको फाटक से पता चल जाएगा की इसमे सम्बोधन कारक हैं.
तो अब आपको कारक के भेद और उन सभी भागो के बारेमे जानकारी मिल चुकी होगी. हमने आपको सभी कारको के बारेमे उदाहरण सहित जानकारी दी हैं.
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तो अब आपके मन में जो सवाल था की कारक कितने होते हैं, कारक की पहचान कैसे करे, कारक के उदाहरण क्या हैं, कारक चिन्ह क्या हैं और कितने हैं, उनका जवाब आपको मिल गया होगा.
कारक – FAQ
कारक की परिभाषा क्या हैं?
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप का वाक्य की क्रिया के साथ सीधा और प्रत्यक्ष संबंध हो, उसे कारक कहते हैं.
कारक कितने होते हैं?
हिंदी व्याकरण में 8 कारक हैं. कर्ता कारक, कर्म कारक, करण कारक, सम्प्रदान कारक, अपादान कारक, संबंध कारक, अधिकरण कारक, और सम्बोधन कारक.
घर से कौन सा कारक हैं?
घर से अपादान कारक हैं.
मेरी कौन सा कारक हैं?
मेरी संबंध कारक हैं.
Conclusion:
इस article में हमने आपको कारक की व्याख्या, कारक के examples, और कारक के प्रकार के बारेमे बताया हैं. इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको Karak in Hindi के बारेमे अगर कुछ भी समज में ना आये, तो हमें जरुर बताये. हमने इस blog पर हिंदी व्याकरण से जुड़े और भी लेख लिखे हैं, आप उन्हें एक बार जरुर पढ़े. यदि आप grammar सिख रहे हैं तो यहाँ पर आपको बहोत सारे articles मिल जायेंगे, जिसमे आपको ग्रामर को अच्छे से सिखाया जाता हैं. धन्यवाद.